यदि मन में दृढ़ इच्छाशक्ति और साहस हो, तो गरीबी कभी भी शिक्षा में बाधा नहीं बन सकती। इसका ज्वलंत उदाहरण है जोनाई की एक मेधावी छात्रा, रुमी पेगु। The Sad Story of a Young Girl Hindi news
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पिछले साल आई भयंकर बाढ़ ने शिवगुड़ी गांव के लगभग पचास परिवारों को पूरी तरह से तबाह कर दिया था। इस विनाशकारी बाढ़ में रुमी का परिवार भी बच नहीं सका। लेकिन इस बाढ़ ने रुमी की मेधा को जरा भी प्रभावित नहीं किया। रुमी ने अपने शिक्षा के पथ पर कभी भी हार नहीं मानी। साहस और दृढ़ता के साथ वह लगातार अध्ययन करती रही, ज्ञान की रोशनी की तलाश में।
2023 में जोनाई बालिका महाविद्यालय से असमिया विभाग में प्रथम स्थान प्राप्त कर स्नातक की डिग्री हासिल करने वाली रुमी अब माधवदेव विश्वविद्यालय में असमिया विभाग से स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही है।
हालांकि, मेधावी छात्रा रुमी का परिवार और शिवगुड़ी गांव के करीब पचास अन्य परिवार, सरकार और जोनाई सिविल प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए अस्थायी घरों में रह रहे हैं। अत्यधिक गरीब यह परिवार किसी तरह मजदूरी कर रुमी की पढ़ाई का खर्च उठा रहा है, फिर भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसा कि रुमी और उसके माता-पिता ने बताया।
इसलिए रुमी और उसकी माता ने असम सरकार, स्थानीय विधायक, सांसद, और मिसिंग स्वायत्त परिषद से उच्च शिक्षा के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता की अपील की है।
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