सिलापथार की डिमौ नदी में मछली पकड़ने गए दो व्यक्तियों के लापता होने की घटना ने पूरे इलाके में अब भी हड़कंप मचा रखा है।
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जैसे-जैसे समय बीत रहा है, यह घटना और रहस्यमयी होती जा रही है। नई जानकारी सामने आने की संभावना है। यह घटना सिलापथार पुलिस थाना क्षेत्र के डिमौ चौराहे पर हुई थी। शक के घेरे में आए जिनुद मिली नामक व्यक्ति को फिलहाल सिलापथार पुलिस की हिरासत में रखा गया है। घटना 8 अक्टूबर को घटी थी।
जानकारी के अनुसार, डिमौ चौराहे के 50 वर्षीय जिनुद मिली के साथ 57 वर्षीय महेंद्र पांगीं और 55 वर्षीय प्रफुल्ल येइन नामक व्यक्ति भी मछली पकड़ने गए थे। असम-अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटे डिमौ नदी में मछली पकड़ने के लिए 8 अक्टूबर को घर से निकले तीनों में से जिनुद मिली अगले दिन वापस लौट आया, लेकिन बाकी दो व्यक्ति आज तक (12 दिन बाद ) घर नहीं लौटे। इसके बाद ग्रामीणों और पुलिस ने जिनुद मिली से पूछताछ की, लेकिन वह स्पष्ट रूप से घटना की जानकारी नहीं दे सका। दोनों परिवारों ने जिनुद मिली के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने उसे शुक्रवार शाम उसके घर से हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है।
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वहीं दूसरी ओर, जिनुद मिली के घर लौटने के बाद उसकी मानसिक और शारीरिक स्थिति काफी खराब थी, और वह लापता व्यक्तियों के बारे में कुछ स्पष्ट रूप से नहीं बता पाया। घटना के दिन से ही परिवार और स्थानीय ग्रामीणों ने लापता व्यक्तियों की खोज में जंगल में कई जगहों पर खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इस खोज में अरुणाचल प्रदेश के पालेबस्ती, कुण्ठर बस्ती और आठ नंबर गांव के कई शिकारी भी शामिल हुए।
दोनों परिवार अंधविश्वास की ओर झुकते जा रहे हैं, जहां विभिन्न प्रकार की पूजा और अनुष्ठान किए गए, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। अंधविश्वास के चलते गांव के सैकड़ों लोग और युवक-युवतियों ने पहाड़ी जंगलों में ढोल नृत्य कर देवताओं को प्रसन्न करने की कोशिश की। साथ ही, अरुणाचल प्रदेश के गालो जनजाति के पुरोहितों ने भी अपदेवता (अप'प मृजिंग) को प्रसन्न करने की कोशिश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
रहस्यमयी घटना के संदर्भ में जिनुद मिली को शुक्रवार को पुलिस द्वारा हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, और जांच जारी है। जांच के अंत में क्या निष्कर्ष निकलता है, यह देखने वाली बात होगी।
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