Hot Posts

6/recent/ticker-posts

काति बिहू : असमिया समुदाय के एक महत्वपूर्ण और धार्मिक उत्सव

काति बिहू असमिया समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण और धार्मिक उत्सव है, 




जिसे हर साल आश्विन और काति महीने की संक्रांति के दिन मनाया जाता है। इसे 'कंगाली बिहू' भी कहा जाता है, क्योंकि यह समय खेती के सीजन के बीच का होता है, जब भंडार में अनाज कम हो जाते हैं और नई फसल अभी तैयार नहीं होती। इस समय आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद किसान और लोग मिलकर इस उत्सव को मनाते हैं, विशेषकर फसल की सुरक्षा और समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं।


काति बिहू के दिन तुलसी के पौधे के नीचे दीया जलाने की परंपरा है, जिसे तुलसी बिहू के नाम से भी जाना जाता है। लोग तुलसी के पौधे के नीचे दीया जलाकर परिवार और समाज की समृद्धि की कामना करते हैं। साथ ही, किसान अपने खेतों में आकाशबत्ती (एक प्रकार का आकाशदीप) जलाते हैं ताकि फसल की वृद्धि और बेहतर उत्पादन के लिए भगवान से प्रार्थना की जा सके।


इस दिन का महत्व इस तथ्य से जुड़ा है कि किसान समुदाय, जो अपने खेतों से जीवनयापन करता है, शरद ऋतु में आने वाली नई फसल की प्रतीक्षा करता है। वे तुलसी के पौधे और खेतों में दीये जलाकर देवताओं से अच्छी फसल की कामना करते हैं। इस धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के माध्यम से असमिया लोग अपनी धान की फसल और जीवन के लिए प्रकृति की कृपा के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ